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Madhuanjuri , My book

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 BOOK--Madhu Anjuri (Kavya Sangrah) Author --Dr Madhu Trivedi  About the Book काव्य वाटिका का पहला पुष्प ही समस्त शंकाओं का शमन करने वाले आषुतोष अमिताभ आदिनाथ देवाधिदेव आदिमहादेव शंकर भगवान शिवशम्भू को अर्पित होना ही इस तथ्य का प्रमाण है कि रचनाकार डाॅ. मधु त्रिवेदी की भागीरथी लेखनी से निकलने वाली शब्द गंगा ऊंचाई के सोपान से अपने मार्ग पर अग्रसर होते हुए हमें आल्हादित करने वाली पावन अनुभूतियों के तीर्थों का दर्शन कराने वाली है। लोक परलोक के जटिल विषयों को समेटे रचनाओं के शीर्षक, बीज सूत्र की भांति पथ प्रदर्शन के एक अभिनव प्रयोग को इंगित करते हुए बता देते हैं कि स्व व आत्म अध्ययन करने वाले स्वाध्यायी किस प्रकार आध्यात्मिक वीथियों से लोक कल्याण की मुख्य धारा का मार्ग प्रशस्त व प्रकाशित कर देते हैं। एक और विशेषता आकर्षण का केंद्र है कि लेखिका ने अपनी लेखनी में न केवल राष्ट्र प्रेम से ओत प्रोत वीर रस एवं ईश्वर से सीधे संवाद आधारित आध्यात्मिक अनुभूति और देश-दुनियांँ की भूत व वर्तमान स्थिति पर एक समाज विज्ञानी के रूप में चिंतन आधारित विभिन्न विषयों को उत्कीर्णित किया है वरन् बाल्यकाल से लेकर

झोंके ने

 पवन के झोंके ने विटप को हिला दिया आलिंगनबद्ध हो पात से मिलवा दिया गिरा भू पर , विटप को खिझला दिया चली समीर तो हमेशा को जुदा किया

जिन्दगी की चाह

 देख मौत का खौफनाक तांडव जीने की चाह फिर से जगी है है मारा मारी आक्सीजन की  हास्पीटल की मनमर्जी चली है ।   खांसी , जुखाम , बुखार से पीड़ीत कोरोना से ग्रस्त कहलाया है पैसा जमा करो तब एन्ट्री मिलेगी  हास्पीटल प्रशासन ने फरमाया है बेचारा क्या करे और क्या न करे समझ न आए साँसे उसकी थमी है । वायरस यह है बहुत ही खतरनाक नित बदले नये नये डायमेन्शन्स पहुँच जाओ एक बार हास्पीटल  पैसे का बिल पर बिल बढाया है अपने पर प्यार उमड़ा है सबका समझ न आए बस उम्मीद बँधी है । पैसे वाले को फर्क नहीं है पड़ता जान बचाने को खूब दाम लगाया  बस मुसीबत बढ़ी मध्यम वर्ग की जिसको हास्पीटल ने झिकाया है हृदयहीन हो जाए जीवन देने वाले निर्धन की दुनियां बस उजडी है ।

CONFIDENTIAL

 The love that was in sight  words that stood in the balance  Still kept confidential  Do you know why ?  we have contact with them  our request is  It is said in which love  Every alpha is beautiful.  Where did you meet when?  Why did we like  even after a while  those untold moments secret  Which is deplorable even today.  Do you know why ?  because love is deep in them  Young hearts are shaking.  manner of cohabitation  My love for you  That's why it's a secret  It's indecent to keep it alone  In these is the noise of our love   Describing Ascending Descendants  That is why it is confidential from loved ones.

नैनों में चितवन

नैनों में चितवन निखरे कपोलों में उपवन खिले दामिनि सा स्मित हास्य बदन पर है दुरीय लाज  विचर कर मन बीथियों में गुँजित होकर सिसकियों में प्राणों में भरती आह्लाद पर पास नहीं क्यूं आज छन कल्प जैसा लगता है श्वांस अ्ग्नि बन दहकता है  सूनी सूनी इन आहों में  अब कोई सजे न साज मानस भूमि बंजर हो रही प्रीत यह खंजर हो रही  रूदन करती है मेरी रूहें तो भी मुहब्बत पर है नाज

Love raining is remaing

  Love raining is remaing  Love raining is remaing  Love appeasement is remaing   Fog of separation is spread  The call of the beloved is rest     Organ and soul is flaming   Mind and body is deceiving    Smack of youth is remaing    Preet ornaments is remaing    Sky looks worried    Keep roaring continued    Making things disturbed    Love tingaling is remaing    

बाकी है

प्रीत बरसात बाकी है प्रीत बरसात बाकी है प्रीत मनुहार बाकी है विरह की धुन्ध छायी प्रिय की पुकार बाकी है दहका दहका अंग है बहका बहका मन है यौवन की बदरी छाई प्रीत अलंकार बाकी है अम्बर आकुल दिखता रह रह कर गरजता शून्य शोरगुल करता प्रीत प्रकार बाकी है घनन घनन घन घोर बूँदें गिरती है घन से मन बीथी शीत नीर से प्रिय संसार बाकी है