संदेश

मई, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri Dun...

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri Dun... : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri Dun... : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्... : ...

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri Dun...

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri Dun... : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्... : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक ए... : ... नारी मनोविज्ञान  नारी मनोविज्ञान बड़ा ही गूढ विषय है रहस्यमय विज्ञान है कल्पनातीत अवर्णिय संकल्पना कवियों की कम्पना से परे मन की गहराईयों से परे  कुछ अप्रतिम अनुपम नारी श्रद्धा और अश्रद्धा नारी मृदु मधुर छुअन परत दर परत चढी कोमलता की साकार मूर्ति सागर की गहराई को छूने वाली नारी मनोविज्ञान का चीर हरण कलंक का टीका धारण करने वाले ममता ममत्व को ढूढा होता अपने में इन्सान इन्साफ पाया होता धरती की एक माँ नारी जब भूख प्यास से रोती है जब किसी निर्लज्ज की होती शिकार तो कायरों को गटर में डूबोती है भारत माँ के नाम से जाना जाने वाला कैसे बुलन्दी को छुएगा जब तक उससे जन्मा पुरुष माँ की मानसिकता को समझे पिला अमृत धार जब नारी की छाती सूख जाती पुरुष खोता सुधबुध अलसाई सी छा जाती कल्पनाओं के संसार की नारी अब भू पर नजर नही आती त्याग बलिदान की वह प्रतिमा खो

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्...

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्... : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक ए... : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा... : .. . हाइकू प्रात पवन शीतल मंद मंद घण्टों की टन मेघा गरजे घर घर दमक चमके दंत मंदिर घट में भगवान बसे सपने सजे भज ले अब प्रभु का शुभ नाम लग ले अंग छोड़ दे मोह साथ गोपाल कर तीरथ धाम आई जो धूप भूला प्रभु का नाम करवे को काम शाम को देख खडा बुढ़ापा टेक रटने राम अटल सच काल का आगमन मान ले सच रैन हो चली प्रभु के पास चली नयी ओर चली डाँ मधु पाराशर शान्ति निकेतन कालेज प्राचार्या आगरा

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक ए...

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक ए... : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा... : Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा रही वो गुलाबी ... माँ माँ गर्भ में अपना खूनपिलाती गोद में अपना दूध पिलाती छोटे बालक से युवक बनाती नित ममता का सागर बहाती पेट स्तन में लात घूसे मारता फिर भी अमृत दूध पिलाती फिर भी दुलार स्नेह लहराता सुला सूखे में गीले मे सो जाती नित नेह का बादल बरसाती माँ अटूट अवर्णीय बंधन है ओर छोर का विस्तृत क्षितिज है मेरी प्रगति में ही सुख पाती है नित प्यार आशीर्वाद लुटाती है पापा की मार डाट से बचाती माँ मेरी ढाल बन मुझे गले लगाती मेरे जीवन कुंड की माँ वह आहुति बार बार जल स्वर्ण सा निखारती डाँ मधु पाराशर शान्ति निकेतन कालेज प्रचार्य आगरा

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा...

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा... : Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा रही वो गुलाबी से फूल जो कभी याद करो तुमने केवल तुमने मुझे दिए अपने हाथों से वो स्पर्श आज भी जिन्दा है मेरे बीमार पड़ने पर और वो चाय जो मेरी फिक्र में चौथाई कप रह गई मिल साथ पी वो स्वाद आज भी जिव्हा पर है अब सूर्ख लाल गुलाब डाल से पतित नही चाहिए क्योंकि मेरा वो गुलाबी गुलाब आज भी सभाँल रखा है अपने हृदय जो आज भी मुझे अपना बनाए है रखे सुगन्धित

Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा रही वो गुलाबी से फूल जो कभी याद करो तुमने केवल तुमने मुझे दिए अपने हाथों से वो स्पर्श आज भी जिन्दा है मेरे बीमार पड़ने पर और वो चाय जो मेरी फिक्र में चौथाई कप रह गई मिल साथ पी वो स्वाद आज भी जिव्हा पर है अब सूर्ख लाल गुलाब डाल से पतित नही चाहिए क्योंकि मेरा वो गुलाबी गुलाब आज भी सभाँल रखा है अपने हृदय जो आज भी मुझे अपना बनाए है रखे सुगन्धित

Meri DuniyaN:

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जय माता दी

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जय माता दी : Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जय माता दी : Meri DuniyaN: जय माता दी : !!! जय माता दी !!!