Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: दोहे





गीतिका



पास आकर दूर जाता भी नहीं

इश्क अपना हक जताता भी नहीं



प्यार की भाषा न समझे आज जो

वो मुझे ऐसा लगे सीधा भी नहीं



जब इश्क उसका हुआ अखबार तो

काश करता आज चर्चा भी नहीं



खेलता उसके सदा दिल से रहे

दीखता कोई खिलौना भी नही



साथ मेरा वो निभा पाये नहीं

पा लिया ऐसा वो झूठा भी नही



मोड़ हर पर साथ मेरे जो चला

छोड़ कर जाऊं न साया भी नहीं



ब्याह कर लाया मुझे अपने यहाँ

अब न लगता भार कुनबा भी नही



प्यार मेरा पा सकेगा तू तभी

जब न होगा तू किसी का भी नहीं

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